Chhatrapathi Shivaji Maharaj Terminus Heritage Building, Mumbai will soon be illuminated with green energy. The full energy consumption of heritage building and other office buildings of various divisions of Central Railway will be from Green Energy. This is yet another green initiative by Central Railway after recently converting Neral – Matheran section, Asangaon and Mankhurd as fully green energy stations.
The supply of green energy to Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus will soon be possible as Central Railway entered into an Agreement with M/s Sri Pavan Energy Pvt. Ltd, a Government of India Undertaking, to provide Power at Rs. 5.18 per unit recently. Under this agreement the power of 6 Mega Watt green energy generated by Wind Turbine by M/s Sri Pavan Energy Pvt. Ltd, under commissioning at Sangli district of Maharashtra will be utilized at 6 different stations of Central Railway and South Eastern Railway i.e Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus, Manmad, Bhusawal and Nagpur. A Total of 12.93 million units green energy is expected to be generated that will be utilised for the full energy consumption of Heritage building of Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus and other office buildings of various divisions. The energy will be generated at Sangli district it will be received through the grid connection to various points of Central Railway. This power purchase will be utilized for meeting the requirement of Renewable Purchase Obligations (RPO) and the agreement will be valid for 25 years. An estimated amount of Rs. 1.5 Crores will be saved on electricity bill through this agreement.
The illumination of Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus Building with green energy will add another feather to the cap of Energy Conservation initiatives as a high priority mission in Railways.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस हेरिटेज बिल्डिंग, मुंबई जल्द ही हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) द्वारा प्रकाशमान होगा । मध्य रेल के सभी विभागों,विरासत भवन तथा अन्य कार्यालय भवनों की पूरी ऊर्जा खपत हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) से होगी। हाल ही में नेरल-माथेरान सेक्शन, आसनगांव और मानखुर्द को पूरी तरह से हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) स्टेशनों के रूप में परिवर्तित करने के बाद मध्य रेल द्वारा यह एक और पहल है।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी )की आपूर्ति जल्द ही संभव हो जाएगी क्योंकि मध्य रेल ने मैसर्स श्री पवन एनर्जी प्राइवेट जो भारत सरकार की उपक्रम है के साथ इस परियोजना हेतु करार किया है जो मध्य रेल को रु. 5.18 प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदान करेगी । इस समझौते के तहत मेसर्स श्री पवन एनर्जी प्राइवेट द्वारा महाराष्ट्र के सांगली जिले मई स्थापित पवन टरबाइन द्वारा उत्पादित 6 मेगा वाट हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) की शक्ति का उपयोग मध्य रेल और दक्षिण पूर्वी रेलवे अर्थात छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मनमाड, भुसावल और नागपुर के 6 अलग-अलग स्टेशनों पर उपयोग किया जाएगा। कुल 12.93 मिलियन यूनिट की हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी )उत्पन्न होने की उम्मीद है जिसका उपयोग छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के विरासत भवन, मध्य रेल के विभिन्न विभागों एवं अन्य कार्यालय भवनों की पूर्ण ऊर्जा खपत के लिए किया जाएगा। सांगली जिले में ऊर्जा उत्पन्न की जाएगी, इसे मध्य रेल के विभिन्न बिंदुओं के ग्रिड कनेक्शन के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। इस बिजली खरीद का उपयोग नवीकरणीय खरीद करार (आरपीओ) की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जाएगा और यह समझौता 25 वर्षों के लिए मान्य होगा। इस समझौते के माध्यम से बिजली बिल पर अनुमानित राशि रु 1.5 करोड़ रुपए की बचत होगी ।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस बिल्डिंग का हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी ) के साथ प्रकाशवान होने से रेल्वे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक और अध्याय जोड़ देगी ।