Western Railway has launched regular drives against able-bodied persons travelling in the reserved coaches for Divyangs. During the year 2017, a total of 39,602 persons and in the year 2018, a total of 10,159 persons were prosecuted. A special week long joint drive of RPF & GRP was recently launched against unauthorised travel in compartments reserved for Divyangs. Adequate GRP/RPF personnels were deployed for nabbing all offenders travelling in coaches reserved for Divyang persons.
According to a press release issued by Shri Ravinder Bhakar, Chief Public Relations Officer of W.Rly, during the drive, 350 persons were prosecuted by GRP under Right of Persons with Disabilities Act, 2016 and 995 persons were prosecuted by RPF under the Railway Act, 1989. Similarly, special RPF decoy teams were deployed in innovative manner for prevention and detection of passenger crimes after identifying vulnerable spots and studying their modus operandi. They have busted 28 notorious criminals involved in Fatka Theft/Robbery and 46 bullies for blocking doors and refusing entry to other commuters during peak hours. The Special RPF decoy team detected 68 persons involved in 66 cases of thefts/ robbery in suburban section. Close surveillance and vigilance is kept to monitor all such nuisance over Railway in suburban section. Similar drives will be continued in future for hassle free travel of ‘Divyang’ persons.
Shri Bhakar further stated that, Railway administration is planning to install CCTV in all coaches of suburban trains in near future. Visits and inspections will be regularly done by Railway Officers to sort out other technical issues and problems faced by commuters with special attention of facilities to differently abled persons.
पश्चिम रेलवे द्वारा दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बों में अवैध रूप से यात्रा करने वालों के विरुद्ध अभियान की शुरुआत
मुंबई: पश्चिम रेलवे द्वारा दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित डिब्बों में अवैध रूप से यात्रा करने वालों के विरुद्ध नियमित अभियान की शुरुआत की गई है। वर्ष2017 के दौरान कुल 39,602 व्यक्तियों को तथा वर्ष 2018 के दौरान कुल 10,159 व्यक्तियों को दंडित किया गया, दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में अवैध रूप से यात्रा करने के विरुद्ध आरपीएफ तथा जीआरपी द्वारा हाल ही में सप्ताह भर चलने वाला एक विशेष अभियान चलाया गया। दिव्यांग डिब्बों में अवैध यात्रा करने वाले दोषियों को पकड़ने हेतु पर्याप्त संख्या में जीआरपी/आरपीएफ कर्मी तैनात किये गये थे।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अभियान के दौरान दिव्यांगजनों के अधिकार एक्ट2016 के अंतर्गत जीआरपी द्वारा 350 व्यक्तियों को तथा रेल अधिनियम 1989 के अंतर्गत आरपीएफ द्वारा 995 व्यक्तियों को पकड़ा गया। इसी प्रकार सम्भावित क्षेत्रों तथा उनकी प्राथमिक पहचान के पश्चात अपराधों की रोकथाम एवं पड़ताल हेतु अभिनव तरीकों से आरपीएफ की विशेष डिकॉय टीमों को तैनात किया गया। इस टीम ने फटका डकैती/चोरी में संलिप्तता के 28 गम्भीर अपराधियों तथा व्यस्त समय में दरवाजे पर अवरोध उत्पन्न करने एवं अन्य यात्रियों को प्रवेश न करने देने वाले 48 गुंडों को गिरफ्तार किया। आरपीएफ की डिकॉय टीम ने उपनगरीय खंड में चोरी/डकैती के 66 मामलों में संलिप्त 68 लोगों को गिरफ्तार किया। रेलवे के उपनगरीय खंड पर ऐसे सभी अपराधों की गहन चौकसी एवं मॉनिटरिंग की जा रही है। ‘दिव्यांग’ यात्रियों की सहूलियतपूर्ण यात्रा हेतु निकट भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे।
श्री भाकर ने बताया कि निकट भविष्य में रेल प्रशासन द्वारा उपनगरीय ट्रेनों के सभी डिब्बों में सीसीटीवी लगाने की योजना तैयार कर रही है। यात्रियों को विशेषतः दिव्यांग यात्रियों को आने वाली तकनीकी कठिनाइयों एवं समस्याओं के समाधान हेतु रेलवे अधिकारियों द्वारा नियमित दौरे एवं निरीक्षण किये जायेंगे।